Lockdown New Update | भारत में कोरोना का Second Weve | भारत में लोकडॉन | क्या दोबारा लॉकडाउन लगेगा ?
लॉकडाउन का अर्थ तालाबंदी है जो किसी बड़ी आपदा या महामारी से बचने के लिए सरकार द्वारा लागू की जाती है। lockdown के दौरान देश के सभी नागरिकों को घर से बाहर नहीं निकला जाता है जब तक कि उसे कोई आपातकालीन कार्य ना हो। भारत में पहली बार प्रधानमंत्री मोदी सरकार द्वारा 2020 के मार्च महीने में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन लगाया गया था। ऐसी स्थिति हमारे भारत के इतिहास में पहली बार लगाया गया था। हमारे मानव इतिहास में पहली बार ही पूरे देश को धारा 144 के तहत घर में रहने की सलाह दी गई थी। यह लॉकडाउन देशों में इसलिए किया गया क्योंकि बहुत ही जानलेवा वायरस कोरोना को फैलने से रोका जाए। लॉग डॉन रहने से coronavirus संक्रमण फैलना कम हो गया और इसकी मरीजों में गिरावट देखी गई थी। Lockdown New Update
लॉकडाउन रहने से बड़े-बड़े कारखाना उद्योग और धुआं निकलने वाली गाड़ियां बंद हो गई जिससे हमें कई प्रकार के फायदे देखना को मिला जैसे कि प्रदूषण बहुत हद तक कम हो गई। भारत के बड़े-बड़े शोधकर्ताओं के अध्ययन से यह पता चला है कि लोग दान के वजह से भारत मैं coronavirus के संक्रमण मैं बहुत कमी देखने को मिला है।
भारत में corona का second weve
भारत अब आधिकारिक तौर से कोरोना के सेकंड वेब से गुजर रहा है जो कि पहले के मुताबिक और भी खतरनाक है। हालांकि यह भारत के सभी राज्य में सेकंड वेब का असर नहीं देखने को मिला है। पिछले साल फर्स्ट वेव में करोना के मरीज में बढ़ने का दर थोड़ा कम था अब सेकंड वेब आने के बाद इसकी रफ्तार और तेज हो गई है। पर इस साल covid 19 से मरने वाले मरीजों की संख्या पिछले साल के मुताबिक थोड़ा कम है। अभी भारत के अलावा अन्य कई देशों में कोरोना के थर्ड स्टेज, तीसरा वेब शुरू हो चुका है। Lockdown New Update
कैसे करोना के second weve आए हैं ?
भारत के कुछ राज्य में कोरोना के सेकंड वेव आ चुके हैं। corona के सेकंड वेब का कारण इस वायरस में होने वाली म्यूटेशन है। कोरोनावायरस की म्यूटेशन होने से यह वायरस और भी तेजी से अपने आप को डुप्लीकेट करना शुरू कर देते हैं जिससे इसकी संख्या बहुत तेजी से बढ़ने लगती है, और इसका संक्रमण ज्यादा होता है।
लॉक डाउन होने के हानि।
जब भारत में लॉक डाउन लगाया गया तो यहां के बड़े-बड़े उद्योग भी बंद हो गई और वहां काम करने वाले मजदूर बेरोजगार हो गए। और इस बेरोजगारी के वजह से उनके घर में कई प्रकार की समस्याएं देखने को मिली। लॉकडाउन लगने से भारत में सबसे ज्यादा असर भारत की अर्थव्यवस्था पर हुई है। और भारत के डीजीपी के विकास दर में भी गिरावट आई है। पिछले साल लॉक डाउन होने की वजह से जीडीपी का ग्रोथ रेट -24 तक हो गया था।
कोरोना के वजह से शिक्षा पर असर।
भारत में शुरुआती दौर में ही प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा 21 दिनों के लिए लॉकडाउन किया गया था जिसमें हम लोग को अपने परिवार के साथ समय बिताने को टाइम मिला। पिछला लॉकडाउन के दौरान हम लोग कई तरह के एक्टिविटी भी सीखे जैसे कि यूट्यूब पर से खाना बनाना, गेम वगैरा।
स्कुलों में छुट्टी होने के बाद शिक्षक ऑनलाइन शिक्षा देना शुरू कर दिए, ताकि लॉकडाउन के वजह से भारत के विद्यार्थियों का पढ़ाई में ज्यादा रुकावट ना आए।
Lockdown New Update, corona महामारी के वजह से कई परीक्षाएं जो कि इन दिनों होने वाली थी और कई परीक्षाओं की तो डेट शीट भी निकल चुकी थी वह अब कुछ दिनों के लिए एक्सटेंड कर दिया गया है भारत में होने वाली NEET की परीक्षा भी अब स्थगित की गई है कुछ दिनों के लिए।
लॉकडाउन के दौरान कौन-कौन सी चीजें बंद रहती है।
लॉकडाउन के दौरान ऐसे हर चीज जिसमें पब्लिक इकट्ठा हो या सार्वजनिक जगह हो उसे बंद किया जाता है। जैसे स्कूल, सिनेमा हॉल, मॉल, पार्क इत्यादि।
लॉकडाउन के दौरान कौन-कौन सी चीज खुली रहती है।
लॉकडाउन के दौरान ऐसी सभी जरूरत की चीजों वाली दुकान खड़ी रहेगी जिसके बिना नागरिकों का जीवन यापन मुश्किल हो सकती है जैसे कि दवा दुकान और अस्पताल, किराना दुकान, दूध, सब्जी, इत्यादि
लॉकडाउन के दौरान हमें क्या करना चाहिए ?
लॉकडाउन के दौरान हमें एक जिम्मेदार नागरिक बन कर सरकार द्वारा लागू किए गए सभी नियमों और निर्देशों का अच्छी तरह से पालन करें। ताकि देश इन मुश्किल घड़ी में महामारी जैसी आपातकालीन स्थिति से बहुत जल्दी बाहर निकल पाए।
भारत में सितंबर 2020 के बाद लगभग 5 महीनों तक करोना के मरीजों का संख्या लगातार घटते जा रही थी। यह गिरावट क्यों हुई इसकी 100% जानकारी अभी बाहर नहीं आई है।
क्या दोबारा लॉकडाउन लगेगा ?
Lockdown New Update, पिछले साल लॉक डाउन होने के बाद covid 19 और संक्रमण में कुछ खास अंतर नहीं आए थे। और विदेश का भी बात करें तो जो करो ना बढ़ने का डर है उससे लॉकडाउन पर कोई असर नहीं पड़ रहा है और लॉकडाउन के वजह से देश की अर्थव्यवस्था और तरह तरह की समस्याएं भी बढ़ती है। सितंबर 2020 के बाद भारत में डॉक्टर नहीं रहने पर भी covid 19 के संक्रमण की रफ्तार बहुत तेजी से घट रही थी।
इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि अब सरकार द्वारा देश में पूरी तरह लॉकडॉन नहीं देखने को मिलेगा। भारत के कई राज्यों में वीकेंड लॉकडाउन लगाई गई है।
अगर lockdown नहीं तो क्या उपाय है ?
भारत के नागरिकों से कहना चाहता हूं कि जितना हो सके उतना सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर रखें, अपने हाथों को बार-बार धोएं, मुंह पर मास्क लगाकर बाहर निकले और अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए। साथ ही हम सरकार से यह उम्मीद कर सकते हैं कि वैक्सीनेशन की स्पीड को तेज किया जाए और अस्पतालों पर ध्यान दिया जाए।
प्रधानमंत्री मोदी जी का lockdown पर बातें। Lockdown New Update
प्रधानमंत्री मोदी ने एक इंटरव्यू में बताए हैं कि पिछले साल हमें कोरोना से बचने का एकमात्र उपाय था कि लॉक दान किया जाए। परंतु इस साल हमारे पास इससे बचने की कई साधन उपलब्ध हो चुके हैं। मोदी जी ने कहां है कि इससे घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि इसकी टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना से बचने के लिए t3 फार्मूला चाहिए हैं इसका अर्थ है टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट है।
तीतरी के अंतर्गत पुराना मरीज अपना टेस्टिंग कथाएं, मरीजों का ट्रैकिंग किया जाए तथा करो ना मरीज का सही से ट्रीटमेंट किया जाए। Lockdown New Update
इन दिनों कोरोनावायरस का विस्फोट। Lockdown New Update
अभी भारत के नए अपडेट के अनुसार कोरोनावायरस संक्रमित व्यक्तियों की संख्या देखे तो 1 दिन में इसकी संख्या दो लाख से ज्यादा रहती है।
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posted by – Rohit kumar
भारत के कुछ राज्य में कोरोना के सेकंड वेव आ चुके हैं। corona के सेकंड वेब का कारण इस वायरस में होने वाली म्यूटेशन है। कोरोनावायरस की म्यूटेशन होने से यह वायरस और भी तेजी से अपने आप को डुप्लीकेट करना शुरू कर देते हैं जिससे इसकी संख्या बहुत तेजी से बढ़ने लगती है, और इसका संक्रमण ज्यादा होता है।
लॉकडाउन के दौरान हमें एक जिम्मेदार नागरिक बन कर सरकार द्वारा लागू किए गए सभी नियमों और निर्देशों का अच्छी तरह से पालन करें। ताकि देश इन मुश्किल घड़ी में महामारी जैसी आपातकालीन स्थिति से बहुत जल्दी बाहर निकल पाए।
भारत में सितंबर 2020 के बाद लगभग 5 महीनों तक करोना के मरीजों का संख्या लगातार घटते जा रही थी। यह गिरावट क्यों हुई इसकी 100% जानकारी अभी बाहर नहीं आई है।
पिछले साल लॉक डाउन होने के बाद कोरोनावायरस और संक्रमण में कुछ खास अंतर नहीं आए थे। और विदेश का भी बात करें तो जो करो ना बढ़ने का डर है उससे लॉकडाउन पर कोई असर नहीं पड़ रहा है और लॉकडाउन के वजह से देश की अर्थव्यवस्था और तरह तरह की समस्याएं भी बढ़ती है। सितंबर 2020 के बाद भारत में डॉक्टर नहीं रहने पर भी करो ना के संक्रमण की रफ्तार बहुत तेजी से घट रही थी।
इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि अब सरकार द्वारा देश में पूरी तरह लॉकडॉन नहीं देखने को मिलेगा। भारत के कई राज्यों में वीकेंड लॉकडाउन लगाई गई है।
भारत के नागरिकों से कहना चाहता हूं कि जितना हो सके उतना सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर रखें, अपने हाथों को बार-बार धोएं, मुंह पर मास्क लगाकर बाहर निकले और अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए। साथ ही हम सरकार से यह उम्मीद कर सकते हैं कि वैक्सीनेशन की स्पीड को तेज किया जाए और अस्पतालों पर ध्यान दिया जाए।