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भारत देश में बहुत नागरिक ऐसे हैं। जो अपनी आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं। तो ऐसे ही कमजोर नागरिकों को अपना जीवन यापन करने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। भारतवर्ष में 15 अगस्त 1945 को स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे को विशिष्ट कम भोजन की उपलब्धता और उनके अभिभावकों को अपने बच्चों को स्कूल के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य में Mid Day Meal Yojana को शुरू किया गया है। केंद्र सरकार के द्वारा अब इस योजना को नए सिरे से शुरू करने के लिए एक योजना बनाई गई है। जिसके माध्यम से सरकारी स्कूल में पढ़ रहे है। गरीब बच्चे के माता-पिता को सहायता के रूप में मध्य प्रदेश मिड डे मील योजना 2023 प्रदान की जाएगी। इस लेख के माध्यम से एमपी मिड डे मील योजना से जुड़ी सभी जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं, (All About Midday meal in hindi)। तो आप से निवेदन है कि हमारे इस आर्टिकल को ध्यान पूर्वक पूरी पढ़ें।
Mid Day Meal Yojana 2023
Midday meal in hindi, मध्य प्रदेश मदरसा मिड डे मील योजना दोस्तों जैसे कि हम अपने इस संदेश के माध्यम से आपको ऊपर बताया है। कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी ने मदरसा में भी अब मिड डे मील को शुरू करने का निर्णय लिया है। योजना के अंतर्गत मदरसों में पढ़ने वाले सभी बच्चे को एक अच्छा भोजन उपलब्ध कराया जाएगा मदरसा मध्यान भोजन के तहत अंतर्गत 34000 छात्रों को पौष्टिक भोजन दिया जाएगा।
Mid Day Meal Yojana कब शुरू हुई
बच्चों में कुपोषण की कमी को दूर करने के लिए और सरकारी स्कूल में नियमित बच्चे को बुलाने और शिक्षा के प्रति बच्चे को आकर्षण बढ़ाने के लिए 15 अगस्त 1995 को देश के 2408 ब्लॉक में शुरू की गई थी। शुरू में इस योजना के माध्यम से भोजन योजना के नाम से जाना जाता था। सर्वप्रथम इस योजना को सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे के लिए शुरू किया गया था। लेकिन वर्ष 2003 में इसका विस्तार शिक्षा गारंटी केंद्र और वकील नवाचारी शिक्षा केंद्र में पढ़ने वालेबच्चे तक कर दिया गया। अक्टूबर 2007 से इसका देश के शैक्षणिक रूप से पिछड़े 3479 ब्लॉक कक्षा 6 से 8 में पढ़ने वाले बच्चे तक विस्तार कर दिया गया, वर्ष 2000 से यह कार्यक्रम देश के सभी क्षेत्रों में उच्च प्राथमिक स्तर पर पड़ने वाले सही बच्चों के लिए भी कर दिया गया।
✅ योजना का नाम | मिड डे मील योजना, Mid day meal scheme |
✅ आरंभ की गई | केंद्र सरकार द्वारा |
✅ वर्ष | 2023 |
✅ लाभार्थी | प्राइमरी सैनी के छात्र |
✅ लाभ | बच्चों के लिए |
✅ श्रेणी | केंद्र सरकारी योजना |
मिड डे मील योजना का उद्देश्य
हम सभी नागरिक जानते हैं। कि हमारे देश में कई ऐसे छात्र है जो सरकारी स्कूल के मध्यान्ह भोजन प्राप्त करते हैं इस मिड डे मील योजना के माध्यम से उन सभी छात्रों को मध्य भोजन प्राप्त किया जाएगा जो आर्थिक रूप से कमजोर है उनके परिवार की आर्थिक स्थिति खराब है। ऐसे में कई छात्रों को एक वक्त का भोजन मिलने से अभिभावकों के घर का राशन बचा जा सकता है। इस Mid Day Meal Yojana को केंद्र सरकार ने शुरू किया है। केंद्र सरकार द्वारा शुरू करने के पीछे इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। कि देश में पढ़ने वाले सरकारी स्कूल के छात्रों के माता-पिता को राशन कार्ड प्रदान किया जाए।
मिड डे मील योजना के नियम , Rules of Mid Day Meal Yojana
- Mid day meal scheme के तहत सरकार के माध्यम से जारी दिशानिर्देश में हम सिर्फ उन्हीं दिशानिर्देशों के बारे में बताएंगे जो आपको एक आवश्यक रूप से जरूरी है।
- एमडीएम दिशा निर्देश के अनुसार बच्चे को पूर्व से जाने से पहले कम से कम 1 शिक्षक सहित दो या तीन वेस्को को मध्यान्ह भोजन स्वाद चखना होगा।
- Mid Day Meal Yojana के दिशा निर्देश हर एक बच्चे को प्राथमिक विद्यालय में पढ़ता है। उसको 1 दिन में 3.86 पैसे दाल चावल फल मिठाई गैस सब कुछ मिलाकर खर्च करना होगा और जो उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढ़ रहा है उस पर रुपए 5.78 रुपए खर्च करना होगा।
- Midday meal scheme के तहत खाद सुरक्षा और स्वच्छता पर दिशा निर्देश के अनुसार रोशनी से ठीक पहले एक शिक्षक द्वारा भोजन का स्वाद चखना अनिवार्य है। जिसका रिकॉर्ड रखा जाना है। इसके अलावा एसएमसी सदस्य को भी शिक्षक के साथ रोटेशन के आधार पर भोजन का स्वाद लेना होगा।
- एक शिक्षक की चटनी के अलावा कम से कम एक माता-पिता और दो जो एसएमसी सदस्य हो सकते हैं या नहीं हो सकते हैं।
- छात्र को भोजन परोसने के दौरान उपस्थित होना चाहिए ताकि वह भोजन का स्वाद चख सके और साथ ही बच्चे को संख्या में प्रमाणित कर सके।
मिड डे मील योजना का लाभ
- केंद्र सरकार ने मिड डे मील योजना को शुरू करने का उद्देश्य बताया है। कि हमारे देश में कई ऐसे बच्चे हैं जिन्हें इस योजना के द्वारा पेट भर खाना मिल पाएगा और कोशिक थाना मिलने से इन बच्चे को विकास में सुधार आएगा।
- इस योजना के ताजा स्कूल में खाना मिलने के कार्य है। कि बच्चे के परिवार वाले के माध्यम से इन सभी बच्चे को हर रोज स्कूल भी भेजा जाता है। और ऐसे होने से बच्चे रोजाना स्कूल में उपस्थित रहते हैं जिसके कारण से बच्चों के भविष्य में सुधार होगा।
- सभी जानते हैं कि आज हमारे देश में ग्रामीण इलाकों में आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की लड़कियों की शिक्षा को लेकर काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
- इस Mid Day Meal Yojana के माध्यम से देश के बच्चे को मुफ्त में खाना मिल जाएगा इसी को देखते हुए इन लोगों की लड़कियों को भी स्कूल भेजना शुरू कर दिया है जिसे क्योंकि बिटिया को खाना मिल सके।
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Posted By – Rohit kumar
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FAQ
midday meal in hindi, हम सभी नागरिक जानते हैं, कि हमारे देश में कई ऐसे छात्र है जो सरकारी स्कूल के मध्यान्ह भोजन प्राप्त करते हैं इस मिड डे मील योजना के माध्यम से उन सभी छात्रों को मध्य भोजन प्राप्त किया जाएगा जो आर्थिक रूप से कमजोर है उनके परिवार की आर्थिक स्थिति खराब है। ऐसे में कई छात्रों को एक वक्त का भोजन मिलने से अभिभावकों के घर का राशन बचा जा सकता है। इस Mid Day Meal Yojana को केंद्र सरकार ने शुरू किया है। केंद्र सरकार द्वारा शुरू करने के पीछे इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। कि देश में पढ़ने वाले सरकारी स्कूल के छात्रों के माता-पिता को राशन कार्ड प्रदान किया जाए।
बच्चों में कुपोषण की कमी को दूर करने के लिए और सरकारी स्कूल में नियमित बच्चे को बुलाने और शिक्षा के प्रति बच्चे को आकर्षण बढ़ाने के लिए 15 अगस्त 1995 को देश के 2408 ब्लॉक में शुरू की गई थी। शुरू में इस योजना के माध्यम से भोजन योजना के नाम से जाना जाता था| सर्वप्रथम इस योजना को सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे के लिए शुरू किया गया था। लेकिन वर्ष 2003 में इसका विस्तार शिक्षा गारंटी केंद्र और वकील नवाचारी शिक्षा केंद्र में पढ़ने वालेबच्चे तक कर दिया गया |
Mid day meal scheme in hindi Madhya Pradesh, दोस्तों जैसे कि हम अपने इस संदेश के माध्यम से आपको ऊपर बताया है। कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी ने मदरसा में भी अब मिड डे मील को शुरू करने का निर्णय लिया है। योजना के अंतर्गत मदरसों में पढ़ने वाले सभी बच्चे को एक अच्छा भोजन उपलब्ध कराया जाएगा मदरसा मध्यान भोजन के तहत अंतर्गत 34000 छात्रों को पौष्टिक भोजन दिया जाएगा।