Ladakh Six Schedule, ladakh में हंगाम, क्या है उनकी मांग, Ladakh, Sixth Schedule of the Constitution, Article 371, Ladakh Sixth Schedule updates, rights
Ladakh Sixth Schedule updates में जगह, अपने वादे से क्यों हट रहे हैं मोदी सरकार। लद्दाख को पूर्ण तरह राज्य बनाने के लिए और छठी अनुसूची में शामिल करवाने की मांग को लेकर सोनम वांगचुक अनशन पर हैं। इससे संबंधित आगे सभी प्रकार की जानकारी विस्तारित रूप से जानेंगे।
Ladakh, Sixth Schedule of the Constitution, Article 371
जैसा कि आप सभी लोगों को पता ही है कि पिछले कई महीनो से लद्दाख में लोग अपनी नाजुक सांस्कृतिक और अपने पर्यावरण को बचाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं जम्मू कश्मीर से लद्दाख जम्मू कश्मीर से अलग होकर बने हैं केंद्र शासित प्रदेश में स्थानीय लोग अपनी मांग को लेकर ले से लेकर कारगिल तक आंदोलन कर रहे हैं अलग-अलग इलाकों में अनशन जारी है।
- केंद्र सरकार ने 2019 में जम्मू कश्मीर में धारा 370 को हटा दिया था और राज्य के दो केंद्र शासित राज्यों में विभाजित कर दी गई थी उसमें लद्दाख को अलग केंद्र शासित राज्य बनाया दिया गया।
- अब लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए उसके साथ-साथ संविधान की छठी अनुसूची लागू करवाने के लिए लद्दाख के संवैधानिक सुरक्षा उपयोग के लिए अभियान चल रहा है|
- उसमें सोनम वांगचुक ने भी अनशन पर बैठे हैं। केंद्र सरकार से लद्दाख के लोगों की कई सारी मांगे हैं लेकिन मुख्य रूप से दो मांग यह है कि पहले लद्दाख को राज्य का दर्जा दिया जाए और दूसरा मांग यह है कि संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए और लद्दाख को जनजाति का दर्जा दिया जाए।
Ladakh Sixth Schedule Rights
- आप सभी लोगों को बता दे कि लद्दाख को Ladakh Sixth Schedule rights में शामिल करने की भी मांग है इन इसके अलावा ले और कारगिल के लिए अलग-अलग संसदीय क्षेत्र यानी कि लोकसभा सीट बनाने की है|
- अभी लद्दाख के लिए एक ही लोकसभा सीट है और ले और कारगिल दोनों जिलों में आता है लद्दाख के लोगों के द्वारा नौकरी में स्थानीय लोगों के लिए आरक्षण की मांग की जा रही है।
- इसके अंतर्गत अलग से लोक सेवा आयोग बनाने की मांग किया जा रहा है।
- सबसे अधिक मांग और जोर संविधान को छठी अनुसूची में शामिल करने की की जा रही है ऐसा नहीं है कि यह मांग लद्दाख के लोगों के लिए कोई नया है यह बहुत पहले से मांग किया जा रहा है जिसे पूरा करने का वादा भारतीय जनता पार्टी के द्वारा पिछले 5 साल पहले की गई थी|
- 2019 के लोक सेवा चुनाव से संबंधित घोषणा पत्र में ही शामिल और यह वादा शामिल किया था कि लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल किया जाएगा। और उसे वक्त बीजेपी के घोषणा पत्र में इस वादे को प्राथमिकता में रखा गया था।
लद्दाख बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश
लद्दाख लोकसभा चुनाव 2019 तक केंद्र शासित प्रदेश नहीं बना था अगस्त 2019 में मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से अलग करके लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की फैसला की थी अनुच्छेद 370 में जम्मू कश्मीर के लिए विशेष स्थिति का प्रावधान को निरस्त करते हुए यह फैसला लिया गया था इसके साथ ही जम्मू और कश्मीर को भी पूर्ण राज्य से केंद्र शासित प्रदेश बना दिया जाता है। और लद्दाख को बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया और विधानसभा नहीं होने के कारण लद्दाख के लिए कोई राज्यसभा में सीट नहीं है।
Ladakh Sixth Schedule updates लद्दाख के लोगों का मांगी यही है कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जा सके और Sixth Schedule of the Constitution में लागू किया जाए और इसके साथ-साथ ले कारगिल ले और कारगिल को संसद से अलग-अलग सीट दी जा सके और प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना यह भी है कि सिर्फ पूर्ण राज्य का दर्जा मिल जाने के बाद उनकी मांगे पूरी होगी वो अपने राज्य के प्रतिनिधि को चुन सकेंगे
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Posted by – Rohit kumar
FAQ Ladakh Six Schedule
Ladakh, Sixth Schedule of the Constitution, Article 371 क्या है?
जैसा कि आप सभी लोगों को पता ही है कि पिछले कई महीनो से लद्दाख में लोग अपनी नाजुक सांस्कृतिक और अपने पर्यावरण को बचाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं जम्मू कश्मीर से लद्दाख जम्मू कश्मीर से अलग होकर बने हैं केंद्र शासित प्रदेश में स्थानीय लोग अपनी मांग को लेकर ले से लेकर कारगिल तक आंदोलन कर रहे हैं अलग-अलग इलाकों में अनशन जारी है।